पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने वर्षा ऋतु में किए जा सकने वाले कार्यों की सूची कलेक्टरों को भेजी
- अपूर्ण पक्के कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण कराने कहा
रायपुर. 15 जुलाई 2020 । राज्य
शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने जरुरतमंद ग्रामीण परिवारों को
माँग के अनुरुप रोजगार उपलब्ध कराने पर्याप्त संख्या में ऐसे कार्यों को
स्वीकृत कर प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं, जिन्हें वर्षा ऋतु में भी
कराया जा सकता है। विभागीय मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर
प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को परिपत्र
जारी किया है। विभाग ने वर्षा ऋतु में कराए जा सकने वाले कार्यों की सूची
भी कलेक्टरों को भेजी है। विभाग ने अपूर्ण पक्के निर्माण कार्यों को
प्राथमिकता से पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।
पंचायत
एवं ग्रामीण विकास विभाग ने बारिश के मौसम में मनरेगा के अंतर्गत मिट्टी
कार्यों को छोड़कर ग्रामीण अधोसंरचना, व्यक्तिमूलक और आजीविका संवर्धन के
पक्के निर्माण कार्यों तथा नर्सरी व पौधरोपण कार्यों को स्वीकृत कर शुरू
करने कहा है। इसके तहत धान संग्रहण केंद्रों में चबूतरों, नए पंचायत भवनों,
आँगनबाड़ी भवनों, खाद्यान्न भंडारगृहों और श्मशान घाटों के निर्माण के साथ
ही आजीविका संवर्धन के लिए बकरी शेड, मुर्गी शेड, पशु शेड, सुअर शेड तथा
वर्मी व नाडेप कम्पोस्ट संरचना के निर्माण को शामिल किया गया है। इन
कार्यों के अलावा पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से नर्सरी
तैयार करने और ब्लॉक, सड़क किनारे, किनारों एवं तटीय किनारों व बंजर भूमि
के किनारों पर वृक्षारोपण के कार्य किए जा सकते हैं।
परिपत्र
में विभाग ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण लागू किए गए
लॉक-डाउन के दौरान चालू वित्तीय वर्ष में जून माह के प्रथम एवं द्वितीय
सप्ताह तक रोज लगभग औसतन 23 से 24 लाख श्रमिक कार्यरत थे। परन्तु वर्षाकाल
शुरू होने और कृषि कार्यों के फलस्वरुप योजनांतर्गत कार्यरत श्रमिकों की
संख्या में कमी आई है। रोजगार के लिए मनरेगा पर ग्रामीणों की निर्भरता बनी
हुई है। प्रदेश में करीब 15 लाख 44 हजार भूमिहीन परिवार हैं जिनकी आर्थिक
निर्भरता गैर कृषि कार्यों पर अधिक है। विभाग ने जरूरत के मुताबिक उन्हें
काम उपलब्ध कराने मनरेगा के तहत पर्याप्त संख्या में निर्माण कार्य स्वीकृत
करने के निर्देश दिए हैं।
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