

ग्राम
कंडेल किसी पहचान का मोहताज नही है। धमतरी जिला के अंतर्गत आने वाले ग्राम
कंडेल में जनसहयोग से प्रदेश के पहले आदर्श गोकुलधाम गोठान का निर्माण
किया गया है। गोठान में गांववासी नियमित रूप से गांव के पशुओं की देख-रेख
सेवा भावना से करते है। गांववासियों की इसी सेवा भावना को देखते हुये
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी यहा आ चुके है। दो माह पहले इस
गांव में गोठान नही था। प्रदेश भर में नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना की
चर्चा होने के बाद गांव के लोगों ने आपसी सहमति से तय किया कि वे बिना
किसी सरकारी सहायता के आपस में सहयोग कर गौठान बनायेंगे। गांव के बच्चे,
युवा, महिलाओं और यहा तक के बुजुर्गों ने गौठान बनाने के लिये न सिर्फ अपना
पसीना बहाया, श्रमदान के साथ रूपये और रेत, गिट्टी भी दान किया। अब यह
गौठान एक आदर्श रूप ले चुका है। गांव के इस गौठान में अन्य गोठानों की तरह
चबूतरा, कोटना, पानी तो है ही, जैविक खाद निर्माण भी किया जाता है। क्रेडा
विभाग द्वारा गौठान में ही गोबर गैस सयंत्र भी स्थापित कर दिया गया है।
गौठान में आने वाले मवेशियों से जो गोबर इकट्ठा होता है उसमें से कुछ
मात्रा खाद निर्माण और कुछ गोबर गैस सयंत्र के लिये किया जाता है। गोबर गैस
संयत्र का कनेक्शन गांव के महेन्द्रू यादव और अनमोतिन यादव के घर दिया गया
है। गांव के महेन्द्रू यादव ने भी बताया कि गोबर गैस मिलने से अब उन्हंे
सिलेण्डर में गैस भराने की नौबत नही आती। अनमोतिन बाई ने बताया कि गोबर गैस
से अब वह विशेष अवसरों में व्यंजन भी बनाती है। यह बहुत सरल व सस्ता है।
पहले जंगल से लकड़ी लाकर खाना पकाना और धुंए में रहना, सिलेण्डर में गैस
भरवाने के लिए रूपए जोड़ना पड़ता था। अब गांव के गोठान में गोबर गैस सयंत्र
से गैस मिल जाता है इससे उसकी एक बड़ी समस्या का समाधान हो गया है। कक्षा 12
वीं की पढ़ाई करने वाली अनमोतिन की बेटी जिगेश्वरी यादव का कहना है कि
वर्तमान समय में प्रदूषण एवं ईंधन की समस्या है ऐसे में गोबर गैस का उपयोग
हमारे पर्यावरण को स्वच्छ रखने और पशुपालन को बढ़ावा देने की दिशा में एक
बड़ा कदम हो सकता है। उसने कहा कि गौठान से आजीविका के साधन विकसित होने के
साथ बायो गैस का विकल्प भी बनने लगा है।
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